किसी उपद्रवी ने पत्थर फेंककर मारा। वह स्व. नीग्रो नेता डॉ. मार्टिन लूथर किंग के माथे पर लगा। माथा फट गया, रक्त बहने लगा।
घाव धोकर थोड़ी दवा लगाई और आफिस में जाकर काम करने लगे। एक पत्रकार ने पूछा- “श्रीमान जी! आप जानते थे कि उपद्रवी हिंसक रूप धारण कर सकते हैं, फिर आप उधर गये ही क्यों? क्या आपको संकटों से ही प्यार है।”
नीग्रो नेता ने कहा- “मैं चाहता हूँ लोगों के मन का सारा द्वेष मुझसे टकराये और अमृत में बदल जाये, इसलिए कठिनाइयों का मुझे सामना करना ही पड़ता है।”