मीरा ने सत्प्रवृत्ति संवर्द्धन के लिए अपनी काव्य प्रतिभा एवं स्वर साधना का उपयोग प्रारंभ कर दिया। राजघराने की परंपरा के विपरीत होने से उनके पति महाराणा ने उनको आभूषणों में सर्प रखकर भेजे, पेय में घातक विष मिलाकर भेजा, पर मीरा पर उनका कोई प्रभाव नहीं हुआ। यह उनकी लोक आराधना का ही प्रभाव था।