सूफी संत शिवली एक दिन लंबी−सी जलती लकड़ी लेकर दौड़े जा रहे थे। लोगों ने पूछा−ऐसा किसलिए?
उन्होंने कहा−जन्नत में आग लगाने जा रहा हूँ, जिसमें लोग खुदा की इबादत करने नहीं, ऐशो−आराम के लालच से जाने के लिए चोर दरवाजा तलाश करते हैं। कर्तव्यों को भूल जाते हैं, स्वच्छंद आचरण करते फिरते हैं।