गुरुदेव प्रणीत अध्यात्म विद्या के अमूल्य ग्रन्थरत्न

February 1987

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गायत्री विद्या के अमूल्य ग्रन्थरत्न-

हजारों ग्रन्थों की खोज, अगणित गायत्री उपासकों के सहयोग एवं चालीस वर्ष की व्यक्तिगत साधना के फलस्वरूप विनिर्मित इन ग्रन्थों की एक-एक पंक्ति अनुभव के आधार पर लिखी गई है। गायत्री साधना से एकचित्त लाभ उठाने के इच्छुकों के लिए यह साहित्य अनुभवी गुरु के समान पथ-प्रदर्शन करता है। इस विषय का सभी जिज्ञासाओं तथा शंकाओं का इन पुस्तकों में समुचित समाधान मौजूद है।

1.गायत्री महाविज्ञान सजिल्द (तीनों भाग) 27)00 रुपये गायत्री यज्ञ विधान (प्रथम भाग) 3) 3- सामूहिक गायत्री यज्ञ विधान (द्वितीय भाग) 3) 4. गायत्री चित्रावली 5) 5. गायत्री मन्त्रार्थ 5)

गायत्री सम्बन्धी छोटा प्रचार साहित्य

(अ) छोटा गायत्री ट्रैक्ट साहित्य सेट-आकर्षक कवरों वाले 31-31 पृष्ठ के गायत्री ट्रैक्ट जिनमें गायत्री उपासना तथा उसकी वैज्ञानिकता पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया है। प्रचार की दृष्टि से इन ट्रैक्टों का महत्व असाधारण है। प्रत्येक ट्रैक्ट का मू0 1) मात्र, 15) पुस्तकों के सैट का मू0 15)/- ट्रैक्टों के नाम इस प्रकार है।

1.गायत्री का स्वरूप और रहस्य। 2. गायत्री की गुप्त शक्ति। 3. सर्वसुलभ गायत्री साधना। 4. गायत्री का शक्ति स्रोत सविता देवता। 5. गायत्री और उसकी प्राण प्रक्रिया। 6. गायत्री पंचमुखी और एक मुखी। 7. गायत्री की पंचविधि दैनिक साधना। 8. गायत्री की विशेष साधना। 9. गायत्री मंत्र की विलक्षण शक्ति 10. गायत्री की असंख्य शक्तियाँ 11. गायत्री की सिद्धियाँ। 12. गायत्री शक्ति का नारी स्वरूप। 13. स्त्रियों का गायत्री अधिकार। 14. गायत्री और यज्ञोपवीत। 15. गायत्री और यज्ञ का सम्बन्ध।

(ब)संक्षिप्त गायत्री हवन विधि मू01/- (से) दैनिक गायत्री साधना मू0 1)- (द) गायत्री चालीसा मू0 20

अध्यात्म का वैज्ञानिक प्रतिपादन साहित्य -

प्रस्तुत बुद्धिवादी युग में तर्क, तथ्य, प्रत्यक्ष, प्रमाण एवं विज्ञान को प्रामाणिकता मिली है और शास्त्र, श्रद्धा एवं आप्त वचनों को अमान्य किया गया है। इस मन स्थिति में पनपने वाले नास्तिकवाद एवं स्वेच्छाचार को निरस्त करने के लिए युगदृष्टा गुरुदेव की लेखन से अभिनव युग साहित्य सृजा गया है। प्रत्येक विचारशील वर्ग के लिए अत्यन्त प्रेरणाप्रद हैं प्रत्येक की छपाई-सफाई सुन्दर। कवर आकर्षक। पृष्ठ संख्या 112/- मूल्य तीन रुपया।

1.विवाद से परे ईश्वर अस्तित्व, 2. ईश्वर कौन है? कहाँ है? कैसा है? 3. दृश्य जगत के अदृश्य संचालन सूत्र, 4. चेतना की प्रचण्ड क्षमता का दर्शन, 5. असीम पर निर्भर ससीम जीवन, 6. पाँच प्राण पाँव देव, 7. दिव्य शक्तियों का उद्भव प्राण शक्ति से 8. मानवीय क्षमता - असीम अप्रत्याशित 9. अणु से विभु गागर में सागर, 10. आत्मा न नर है ना नारी, 11. मानवीय मस्तिष्क विलक्षण कम्प्यूटर 12. अतीन्द्रिय क्षमताओं की पृष्ठभूमि 13. जड़ के भीतर विवेकवान चेतना, 14. शरीर की अद्भुत क्षमताएँ और विलक्षणताएँ 15. मस्तिष्क प्रत्यक्ष कल्पवृक्ष, 16. क्या धर्म अफीम की गोली है? 17. धर्म और विज्ञान विरोधी नहीं पूरक 18. विज्ञान को शैतान बनने से रोकें 19. पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य 20. स्वर्ग नरक की स्वसंचालित प्रक्रिया 21. तत्व दृष्टि से बन्धन मुक्ति 22. मरें तो सही पर बुद्धिमता के साथ 23. भूत कैसे होते है? क्या करते है? 24. पितरों को श्रद्धा दें- वे शक्ति देंगे। 25. सपने झूठे भी सच्चे भी, 26. शब्द ब्रह्म-नाद ब्रह्म 27. आध्यात्मिक काम विज्ञान 28. संसार चक्र की गति-प्रगति 29. दृश्य जगत की अदृश्य पहेलियां, 30. हम सब एक-दूसरे पर निर्भर, 31. बच्चे बढ़ाकर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी न मारें, 32. युग शक्ति गायत्री का अभिनव अवतरण 33. ब्रह्मवर्चस् की ध्यान धारणा, 34. कुण्डलिनी महाशक्ति और उसकी संसिद्धि 35. सर्वोपयोगी गायत्री साधना, 36. गायत्री के पाँच मुख पाँच दिव्य कोश।

100/- से अधिक की पुस्तकें मँगाने र 25 प्रतिशत छूट एवं डाक खर्च अतिरिक्त।

200/- रुपये से अधिक साहित्य माँगने पर पैकिंग फारवर्डिग रेल भाड़ा फ्री।

वी0पी0पी0 से पुस्तकें भेजने का नियम नहीं है। अतः सम्पूर्ण राशि अग्रिम भेजी जाय।


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