गाँधी जी कहते थे कि जब जनता यह अनुभव करने लगे कि वह अपनी समस्याओं को खुद हल कर सती है। अपनी मर्जी का भाग्य अपने हाथों बना सकती है। तब समझना चाहिए कि पूरा स्वराज्य मिल गया।
अनुमान और आशंका भर से किसी को अपराधी घोषित न करो। जिस पर संदेह है उसे सफाई का अवसर दो और तथ्यों का पता लगाने से पूर्व किसी पर दोषारोपण न करो।