लेनिन को विरोधियों ने आक्रमण करके घायल कर दिया, उन्हें अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। उन्हीं दिनों पास में एक रेल्वे लाइन बन रही थी। लेनिन चुपचाप अस्पताल से निकल जाते और श्रमिकों के साथ रहकर उनका हाथ बँटाते।