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June 1985

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तमस्युपरते स्वान्ते तेजः पुंजं ददर्श सः।

ध्यान के अभ्यास से अज्ञानान्धकार के विनष्ट हो जाने से हृदय में तेज पुंज (आत्मा) का अनुभव होने लगता है।


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