तमस्युपरते स्वान्ते तेजः पुंजं ददर्श सः।
ध्यान के अभ्यास से अज्ञानान्धकार के विनष्ट हो जाने से हृदय में तेज पुंज (आत्मा) का अनुभव होने लगता है।