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June 1985

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उद्यमः साहसं धैर्यं बुद्धिः शक्तिः पराक्रमः। एतानि यत्र वर्तन्ते तत्र देवः प्रसीदति॥

परिश्रमशीलता, साहस, धैर्य, सद्बुद्धि और श्रेष्ठ कार्यों में पराक्रम- ये गुण जिस व्यक्ति में होते हैं, उन पर देवताओं की प्रसन्नता बनी रहती है।


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