यात्रियों की एक मण्डली उस रास्ते से निकली तो एक विशाल वृक्ष को धराशायी पाया। वे तूफान की प्रचण्डता को उसका कारण बता रहे थे।
एक बूढ़े वनवासी ने सुना तो वह चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए बोला- इसकी जड़ें बहुत दिन से खोखली हो गई थीं। तूफान तो निमित्त मात्र था यदि उसकी प्रचण्डता इतनी ही रही होती जो जंगल के सारे पेड़ उखड़ गये होते।