चाइसेन चीन के उच्च अधिकारी थे। एक व्यापारी कुछ रियासत पाने की दृष्टि से उनके पास अशर्फियों की थैली लेकर पहुंचा। इसे रख लें, किसी को पता नहीं चलेगा। बस मेरा काम करे दें।
चाइसेन ने कहा- ‘‘बात फूटे बिना न रहेगी। तीन को तो पता चल ही गया अब वे दूसरों तक खबर पहुँचाने में चूकेंगे नहीं।” “भला तीन कौन?” व्यापारी ने आश्चर्य से पूछा। चाइसेन ने कहा- ‘‘एक आप, दूसरा मैं, तीसरा परमेश्वर। थैली लौटाते हुए उनने कहा- “जो न्यायोचित है वह कुछ दिये ही हो जायेगा। आपकी भेंट आपको ही मुबारक।”