ईसा के परिवार वाले उनसे मिलने आये। वे सत्संग परामर्श में तल्लीन थे। लोगों ने कहा- “घर वालो की ओर ध्यान देंगे क्या?”
ईसा ने कहा- ‘‘संसार में मेरा न कोई भाई है न कुटुम्बी। जो स्वर्ग स्थित पिता की बातों में रस लेते और रास्ते पर चलते हैं उन्हीं को मैं कुटुम्बी मानता हूं।