सन्त राविया बीमार पड़ी थीं। उन्हें देखने के लिए सन्त सफियान आये। बीमारी को देखकर दुखी हुए और अच्छा होने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करने लगे।
राविया ने उन्हें रोका और कहा- खुदा की दी हुई हर चीज मुझे बहुत प्यारी है- यह बीमारी भी। आप इसे दूर करके खुदा के उपहार से मुझे वंचित न करें।