युग निर्माण योजना की रूपरेखा गतवर्ष के अंकों में बताई जाती रही है। सितंबर , अक्टूबर, नवंबर दिसंबर, 62 के अंकों में उसे और भी स्पष्ट किया गया है। मार्च और अप्रैल 63 के अंकों में योजना के उद्देश्य एवं लक्ष्य का और भी अधिक स्पष्टीकरण किया गया है। इसे ध्यानपूर्वक दो बार पढ़ा जाना चाहिये। इस विचारधारा के संबंध में अपने अभिमत लिखने चाहिएं और यह बताना चाहिये कि कौन पाठक उसे कार्यान्वित करने के लिए क्या करने की तैयारी कर रहा है। इन सूचनाओं के आधार पर परिवार की वर्तमान स्थिति को समझ सकना और प्रगति के अगले कदम उठा सकना सम्भव हो सकेगा।