Loading...
All World
Gayatri Pariwar
Get App
Books
Magazine
Language
English
Hindi
Gujrati
Kannada
Malayalam
Marathi
Telugu
Tamil
Stories
Collections
Articles
Open Pages (Folders)
Kavita
Quotations
Visheshank
Quick Links
Book Catalog
Whats New
Downloads
Write to Us
Login
Akhand Jyoti
Year 2001
Version 2
Quotation
Quotation
April 2001
Read Scan Version
<<
|
<
|
|
>
|
>>
जिसने ज्ञान को आचरण में उतार लिया, उसने ईश्वर को मूर्तिमान कर लिया।
-विनोबा भावह्य
<<
|
<
|
|
>
|
>>
Write Your Comments Here:
Page Titles
महत्वाकाँक्षा के ज्वर से मुक्ति
‘भक्ति’ की मानव इतिहास में प्रगति यात्रा
शक्ति का उद्भव (Kahani)
मानव जाति का पालना, सभ्यता की जन्मस्थली : भारतवर्ष
प्रेरणा गायत्री द्वारा (Kahani)
Quotation
ईश्वरीय आनंद की झलक (Kahani)
तप से उपजा सौंदर्य
Quotation
अब तक स्थापित विधा है परामनोविज्ञान
Quotation
आधुनिक जीवनशैली ने दिए हैं हमें मनोविकार
मनुष्य का गंतव्य (Kahani)
मर्यादाओं की स्थापना का दिवस - रामनवमी
Quotation
भावक्षेत्र से उठी आकुल पुकार है- प्रार्थना
Quotation
उसकी स्वतंत्रता (Kahani)
कालखंडों में भ्रमण करें, भूत को जानें
Quotation
श्रेय पथ पर चल सका (kahani)
सेवा धर्म की परिणति
Quotation
विधाता के इस वरदान को यूँ ही गँवा देते हैं हम
इतिहास में अमर (kahani)
यम-नियम - (8) तप - दैनिक जीवन में सुव्यवस्था का समावेश
पूर्वाभास की कुछ सच्ची घटनाएँ
Quotation
धनाधीश लोकपाल बनाया (kahani)
दो महान् त्यागी
Quotation
हे मनुष्य! तू हिम्मत मत हार
वह भी बुद्धिमान (kahani)
जी खोलकर रोयें
ब्रह्मविद्या का लाभ (kahani)
कर्मफल विधान जानकर हुआ कायाकल्प
मानवी बर्बरता ही कारण है इस महाविनाश का
आगे की पढ़ाई की व्यवस्था (kahani)
Quotation
सौभाग्यशाली बिरले (kahani)
स्मृति का रसायनशास्त्र
Quotation
सारा वैभव अर्थहीन (kahani)
मानसिक रोगों की यज्ञोपचार प्रक्रिया-3
हर दिन नया जन्म, हर दिन नई मौत - परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी
Quotation
वीतराग होने पर प्रभु के स्वरूप को प्राप्त होना
गुरुकथामृत-12 - सद्गुरु सच्चा सूरमा
गुजरात के भूकंप की एक आँखों देखी रपट
डोलती धरती दे गई है हमें शिक्षण
अपनो से अपनी बात - 1 - इस प्रतिकूल वेला में किए जाने वाले कुछ अनिवार्य कार्य
अपनों से अपनी बात-2 - सोल्लास मने यह हीरके जयंती वर्ष सारे विश्व में
तत्वबोध (kavita)
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
See More