यदि तुम शांति सामर्थ्य और शक्ति चाहते हो, तो अपनी अंतरात्मा का सहारा पकड़ो। तुम सारे संसार को धोखा दे सकते हो किंतु अपनी आत्मा को कौन धोखा दे सका है? यदि प्रत्येक कार्य में आप अंतरात्मा की सम्मति प्राप्त कर लिया करेंगे तो विवेक पथ नष्ट न होगा। दुनिया भर का विरोध करने पर भी यदि आप अपनी अंतरात्मा का पालन कर सके, तो कोई आपको सफलता प्राप्त करने से नहीं रोक सकता।