कष्ट भाग्य के धकेले नहीं आते। उन्हें अपनी अनुपयुक्त गतिविधियों द्वारा हम स्वयं न्योता बुलाते हैं। ईश्वर तो उन्हें चिन्तन सुधारने और प्रतिभा निखारने के लिए भेजते हैं।