दण्ड के पात्र (Kahani)

February 1997

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

न्यूयार्क के मेयर की अपने न्याय के लिए ख्याति थी। जो भी मुकदमा उनके सामने आता, उसका ऐसा सटीक फैसला सुनाते कि वादी और प्रतिवादी दोनों सन्तुष्ट हो जाते। उनका फैसला सुनने वालों को लगता कि सचमुच दूध का दूध और पानी का पानी करने की उक्ति चरितार्थ हो गयी।

एक दिन पुलिस ने एक चोर पर मुकदमा चलाया कि उसने रोटियाँ चुराई। मेयर ने निर्णय सुनाया , चूंकि अपराधी ने चोरी की है, इसलिए उस पर दो डालर अर्थदण्ड दिया जाता है । अपना निर्णय सुनाने के बाद उन्होंने वहाँ उपस्थित लोगों की ओर देखते हुए कहा-”आप सब लोग जो यहाँ उपस्थित है, उन पर भी आधा-आधा डालर का अर्थदण्ड दिया जाता है।” फैसला सुनने वाले लोग आश्चर्य में थे कि आखिर ऐसा क्यों ?

सबके चेहरों पर उभर आए प्रश्न चिन्ह को मिटाते हुए वह बोले-”चूँकि हमारी और आप सभी की आपाधापी एवं अति संग्रह का ही परिणाम है कि एक व्यक्ति को भूखा रहना पड़ा एवं मजबूर होकर चोरी करनी पड़ी। इसलिए मैं और आप सभी दण्ड के पात्र है।”


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles