जीवन के अन्तिम समय (Kahani)

March 1991

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फ्रान्स का एक सामान्य अध्यापक रोल्डशुज पढ़ने में इतना तन्मय था कि उसे हर घड़ी कुछ सीखने की धुन लगी रहती थी।

उसे विभिन्न भाषाएँ सीखने का असाधारण शौक था। जीवन के अन्तिम समय तक उसने संसार भर की प्रमुख भाषाओं में से 200 में प्रवीणता प्राप्त कर ली थी।


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