मोटी बुद्धि वस्तु स्थिति का पता नहीं लगा पाती। उसके लिए गम्भीर पर्यवेक्षण से ही निष्कर्ष पर पहुँचना पड़ता है।
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा लगाने के लिए एक घंटे में 6600 मील की यात्रा करती है। मोटी बुद्धि से यही प्रतीत होता है कि जमीन जहाँ की तहाँ स्थिर है और हम जहाँ रहते हैं सदा वही बने रहते हैं। जब कि क्षण भर में हम कहीं से कहीं जा पहुँचते हैं।