परिस्थितियाँ सदा अनुकूल ही रहे ऐसी आशा न करो। यह संसार तुम्हारे लिए ही नहीं बना है। जो परिस्थिति एक के लिए अनुकूल पड़ती है वह दूसरे के लिए प्रतिकूल भी पड़ती है। सृष्टा ने सभी की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह संसार रचा है।