स्वर्ग का देवता (kahani)

February 1984

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एक भक्त घुटने टेक कर प्रार्थना करने लगा- भगवान! कोई स्वर्ग का देवता यहाँ भेजे, जो हम लोगों की सहायता करे।

भगवान ने प्रार्थना सुन ली और बादल को बरसने के लिए भेजा।

भक्त को सन्तोष न हुआ और फिर वही पिछली प्रार्थना करने लगा कि देवता भेजें।

भगवान दे सन्देश भिजवाया। स्वर्ग में कोई देवता नहीं रहते। धरती के लोग ही भले मानस बनकर यहाँ आते और कुछ दिन ठहरते हैं। बाद में सेवा का अवसर न मिलने पर खिन्न होकर लौट जाते हैं और अपनी धरती को हरी-भरी बनाने के लिए बादल बनकर बरसते हैं।


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