Loading...
All World
Gayatri Pariwar
Get App
Books
Magazine
Language
English
Hindi
Gujrati
Kannada
Malayalam
Marathi
Telugu
Tamil
Stories
Collections
Articles
Open Pages (Folders)
Kavita
Quotations
Visheshank
Quick Links
Book Catalog
Whats New
Downloads
Write to Us
Login
Akhand Jyoti
Year 1984
Version 2
Quotation
Quotation
February 1984
Read Scan Version
<<
|
<
|
|
>
|
>>
न इतने कठोर बनो कि करुणा ही गँवा बैठो और न इतने सरल बनो कि धूर्तों का शिकार बनना पड़े।
<<
|
<
|
|
>
|
>>
Write Your Comments Here:
Page Titles
बन्धन मुक्ति का राजमार्ग
भगवान का सुबोध और सार्थक नाम सच्चिदानन्द
चित्तवृत्ति निरोध का तत्व दर्शन
Quotation
नियन्ता की विधि-व्यवस्था का प्रमाण कर्मफल सिद्धान्त
समय और फर्ज (kahani)
सत्य के प्रकाश को हृदयंगम करें
हठ योग लाभदायक भी हानिकारक भी
ब्राह्मण पद्मनाभ (kahani)
आखिर मृत्यु भय क्यों?
प्रेत बाधा एक चिकित्सा योग्य मनोरोग
संसार एक छाया ही तो है (kahani)
भरी गृहस्थी उजड़ी
हम सभी जन्म मरण के चक्र में घूमते हैं।
एकता कहाँ है? (kahani)
मनुष्य देवता और दैत्य
सूर्य की क्षमता और आराधना
स्वर्ग का देवता (kahani)
भूखण्ड भी खिसक और बिखर रहे हैं।
जीवन बहुमूल्य है इसे व्यर्थ न गंवायें
Quotation
मृत शरीरों में भी प्राण ऊर्जा की झलक झाँकी
Quotation
जीव जगत पर वातावरण की प्रत्यक्ष एवं परोक्ष प्रतिक्रियाएँ
बुद्धि की परीक्षा (kahani)
विज्ञान को पथ भ्रष्ट होने से रोका जाय
दृश्य की तरह एक अदृश्य भी है।
पण्डित गंगाधर शास्त्री (kahani)
अन्तर्ग्रही परिस्थितियों का मानवी स्वास्थ्य पर प्रभाव
दूरवर्ती वातावरण को प्रभावित करने की प्रक्रिया
निद्रा आवश्यक तो है पर अनिवार्य नहीं
बुढ़ापे की रोकथाम सम्भव भी और सरल भी
नया द्वार खोला और नई राह दिखाई (kahani)
विवाह और प्रजनन की नई समीक्षा
महर्षि उद्यालक (kahani)
भूत और वर्तमान का भविष्य में विलयन नवयुग का आगमन
प्रार्थना की प्रचण्ड शक्ति सामर्थ्य
प्राणशक्ति के ऊर्ध्वगमन की चमत्कारी परिणतियाँ
कागज (kahani)
वेदों में यज्ञ चिकित्सा का प्रतिपादन
तारक मंत्र गायत्री
जनता के दुःख, दर्द में शामिल (kahani)
संगीत विनोद ही नहीं उपचार भी
अपनों से अपनी बात
Quotation
युग परिवर्तन (kavita)
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
See More