कठिनाइयाँ बढ़ाती हैं, सुविधा नहीं (Kahani)

February 2001

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एक व्यापारी एक घोड़े पर नमक और एक गधे पर रुई की गाँठ लादे जा रहा था। रास्ते में एक नदी मिली। पानी में घुसते ही घोड़े ने पानी में डुबकी लगाई तो काफी नमक पानी में घुल गया। गधे ने घोड़े से पूछा, यह क्या कर रहे हो? घोड़े ने कहा, वजन हलका कर रहा हूँ। यह सुनकर गधे ने भी दो डुबकी लगाई, पर उससे गाँठ भीगकर इतनी भारी हो गई कि उसे ढोने में गधे की जान आफत में पड़ गई। कुरीतियों, कुप्रचलनों की बिना समझे−बूझे की गई नकल कठिनाइयाँ बढ़ाती हैं, सुविधा नहीं।


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