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February 2001

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देव संस्कृति का वासस्थान समर भूमि की लाल कीच नहीं, सहिष्णुता, का शीतल प्रदेश है, उदारता का उज्ज्वल क्षीर समुद्र है। −पं श्रीराम शर्मा आचार्य


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