ज्ञातव्य
‘केंद्रीय हलचलें’ स्तंभ के अंतर्गत विगत अंक में देवसंस्कृति महाविद्यालय के शुभारंभ की सूचना दी गई थी। पाठ्यक्रम निर्माण के संबंध में जिनकी रुचि एवं गति हो, उन्हें भी संबोधित किया गया था। अब इस माह के अंत तक यह सारा कार्य सुनियोजित रूप ले लेगा। जल्दी ही पत्राचार करें। इस महाविद्यालय को ही विश्वविद्यालय बनना है। लाखों परिजनों की आशा का केंद्र यह विश्वविद्यालय जल्दी ही बनकर खड़ा हो, ऐसी अभिलाषा है। विभिन्न विभूतियों से इस संबंध में देवसंस्कृति महाविद्यालय प्रकोष्ठ’ से पत्राचार करने हेतु कहा जा रहा है।