दुर्भाग्य कभी आप के पीछे हाथ धोकर पड़ जाए, ऐसा लगने लगे कि कोई उपाय प्रगति पथ पर स्थिर रखने में समर्थ नहीं है, चारों ओर सफलता ही सफलता, अंधकार ही अंधकार प्रतीत हो रहा हैं, तब आप महापुरुषों के ग्रंथ पढ़ें जीवन ज्योति मिलेगी।
-पं. श्रीराम शर्मा आचार्य