महात्मा उधर से निकले, तो युवती ने रोक कर पूछा-”महाराज! क्रोध न आवे, घर में कलह न हो, इसका कोई उपाय बतलाते जाइए, बड़ा उपकार होगा। आप तो शास्त्रों के ज्ञाता हैं, बड़े तपस्वी हैं।”
महात्मा ने बिना देर किये उत्तर दिया “बेटी! क्रोध के उपचार यों तो शास्त्रों में अनेक दिये हैं, किन्तु तू उन झंझटों में मत पड़। एक सरल उपाय है कि जब भी तुझे क्रोध आवे और कलह का प्रसंग आता दिखाई दे, तू अपने मुँह में पानी का घूँट भर कर पाँच मिनट तक बिना निगले बैठी रहा कर। न तुझसे बोलना बन सकेगा, न तकरार आगे बढ़ेगी।”
युवती का समाधान हो गया।