एक अवसर पर प्लेटो से उनके शिष्यों ने कहा, “आलोचक आपके खिलाफ बहुत बुरी-बुरी बातें कर रहे हैं। किसी तरह उनका मुँह बन्द करना चाहिए” प्लेटो ने उत्तर दिया - “ नहीं उनका मुँह बन्द करने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें बोलने दीजिए, लेकिन मैं ऐसा जीवन जीऊँगा कि कोई भी उन आलोचकों की बातों पर विश्वास ही नहीं करेगा।”