धन का समाज के लिए सदुपयोग (Kahani)

April 1990

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

प्रसिद्ध धनपति रॉकफेलर इंग्लैण्ड आए तो एयर पोर्ट पर सस्ते होटल की तलाश की। लोगों ने कहा “ऐसा पुराना कोट पहने हुए है। क्या आपको नहीं लगता कि लोग कंजूस कहेंगे?”

रॉकफेलर ने कहा-लोग क्या कहेंगे इससे कभी फर्क नहीं पड़ता। सस्ते होटल में मेरे जैसे व्यक्ति के ठहरने से मेरा तो लाभ होगा कि किन्तु होटल की साख बढ़ेगी कि वहाँ रॉकफेलर ठहरा और पुराना कोट देखकर लोग मेरी सादगी ही प्रशंसा ही करेंगे।”

गरीब जब सस्ते होटल में ठहरता हैं तो अपमानित हो सकता हैं। किन्तु धनी व्यक्ति के ठहरने से उलटे लोग उस की सादगी की प्रशंसा करते हैं क्योंकि उसने अपनी आवश्यक अपव्यय की वृत्ति रोक कर धन बचाया, समाज में एक दुष्प्रवृत्ति पनपने पर रोकथाम लगायी तथा धन का समाज के लिए सदुपयोग का मार्ग प्रशस्त किया।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118