रूस के ख्यातिलब्ध मनीषी गुर जिएफ के कथनानुसार मनुष्य की आन्तरिक गुलामी का पहला कारण उसकी अज्ञानता ही हैं। आत्म-ज्ञान के बिना इस अज्ञानरूपी अंधकार को मिटाया नहीं जा सकता। अपनी मूलसत्ता चेतना को समझे बिना वह गुलामों जैसा जीवन ही व्यतीत करता रहता हैं। चिरपुरातन धर्मग्रन्थों के अध्ययन और चिंतन मनन के पश्चात् वे इसी निष्कर्ष पर पहुँच पाये है कि व्यक्ति की कषाय-कल्मषों से मुक्ति अपने भीतर की प्रसुप्त चेतना को जगाने के उपरान्त ही संभव है।