जब पानी का दबाव अधिक होता हैं तो झरने व नदियाँ तीव्रगति से बहते हैं। उनकी लहरे उछलती, हिलोरें लेती, कल-कल निनाद करती चलती हैं। पानी का दबाव न हो तो न केवल जल धारा मन्द होती हैं, वरन् निर्जीव दिखाई देती हैं। यही अंतर हैं आदर्शवादी महामानवों व सामान्य व्यक्तियों में।