साहसिकता के बल बूते (Kahani)

February 1989

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तेज वेग वाली गहरी नदी में दो बच्चे बहते जा रहे थे। उन्हें निकालने के लिये उनकी माँ नदी के किनारे बैठी चिल्ला रही थीं। पर दर्शकों में से किसी की भी हिम्मत न पड़ रही थी कि बचाने के लिये कूदे और अपने को जोखिम में डाले।

इस असमंजस की घड़ी में एक पुक्क नदी में कूदा और तीर की तरह तैरकर डूबते उतरते बच्चों के पास जा पहुँचा और उन्हें अपनी पीठ पर लाद कर किनारे पर वापस लौट आया। दर्शक उसकी उदार साहसिकता को दष्ख कर बंध रह गये।

यह लड़का इसी उदार साहसिकता के बल बूते प्रगति करता चला गया और अन्त में अमेरिका के राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन के नाम से प्रसिद्ध हुआ।


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