दुनिया छोड़ने से पहले यह जान लेना समझदारी हैं कि संसार और जीवन दोनों ही एक से बढ़कर आनंददायक हैं पर उसका अनुग्रह होता उन्हीं पर हैं, जो उनका गौरव और सदुपयोग समझ सकें।