रामानुज को उनके गुरु ने एक गुप्त मंत्र दिया और उन्हें कहा इसके सहारे वे स्वर्ग जा सकते है और सिद्धि पा सकते है पर इसे किसी को देना नहीं और बताना नहीं चाहिए अन्यथा तुम्हें नरक में जाना पड़ेगा।
रामानुज सोचते रहे जिससे मुझे इतना लाभ हो सकता है उससे अन्यों को क्यों वंचित रहना चाहिए? उसने वह मंत्र सभी को बताया। जब उन्हें स्मरण दिलाया गया कि ऐसा करने से नरक में जाना पड़ेगा। उन्होंने खुशी-खुशी कहाँ जिससे अनेकों को लाभ मिलता हो उसके लिए मुझे नरक में जाना भी स्वीकार है।