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January 1988

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आप जिस रास्ते चल रहे है, वह सँकरा है और प्रतिकूल परिस्थितियों के तीखे आघात प्रतिक्षण आपको परेशान कर रहे हैं, उस समय भी अपना धैर्य मत खोइये। आपके भीतर जो एक चैतन्य शक्ति समाई हुई है, वही आपका प्रकाश, पथ-प्रदर्शक और साथी है। उस पर विश्वास करते हुए आगे बढ़ते चलिए, विपरीत परिस्थितियाँ आपका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकेंगी।

याद रखिये- आपके संकल्प में उतनी जीवट है जितनी समुद्र के हाहाकार में। उसके आगे कोई आँधी, कोई तूफान आपकी राह न रोक सकेगा। अन्धकार में भी आपको प्रकाश मिलेगा, अकेलेपन में भी आपका साहस स्थिर रहेगा, पर अपने अडिग विश्वास को खोइये मत।

विश्वास है कि आप आगे बढ़ेंगे। उन्नति के उच्च शिखर पर चढ़ेंगे। देश जाति और धर्म का उच्च-आदर्श भावी-पीढ़ी के आगे रखेंगे। सब कुछ करने का .... स्त्रोत आपके अन्दर छिपा हुआ है। इस शक्ति को जगाने का उपक्रम कीजिये। अपनी शक्तियों पर विश्वास कीजिये- आपका भविष्य कीर्तिमान होकर आ रहा है।

-जापान के गाधा “कागावा”


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