आकाश के नक्षत्रों से लेकर अणु-परमाणु के कार्यकलाप और संसार की प्रत्येक घटना के पीछे एक अमर चेतन सत्ता का नियत विधान काम करता है। जिस तरह किसी के पथभ्रष्ट हो जाने पर सृष्टि में खलबली मच जाती है। उसी तरह विश्व नियम-नियति के विधान और सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ने पर उनके विरुद्ध चलने पर मनुष्य के आन्तरिक जीवन में भी भयंकर संघर्ष उत्पन्न हो जाता है। उसका परिणाम बाह्य जीवन में भी विनाश और हानि के रूप में ही गुप्त होता है।