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January 1988

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यह विश्वास हमें बल देता है कि जीवन चाहे कितना ही कठिन हो, उसे हम अकेले ही जी रहे है और हमारे ऊपर नीचे और अगल-बगल में शाश्वत आत्मा के स्त्रोत है।

बहुधा जब हृदय शोक से विदीर्ण होता है, तब आत्मिक दृष्टि से हम जैसे जंगल में रहा भटके यात्री की तरह भटकते रहते है और राह पाने के प्रयत्न में पेड़ों और पत्थरों से टकराते फिरते है मगर रास्ता मिलता है आस्था से जो हमें कठिनाइयों के जाल से निकाल कर उस खुली सड़क पर पहुँचा सकता है, जिसकी हमें तलाश है।

हेलन केलर


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