ज्ञानियों का अधिकार भी है और उत्तरदायित्व भी कि वे अज्ञानियों को समझायें और घसीटकर सही रास्ते पर लायें।
अन्तरात्मा वह न्यायाधीश है जो दुष्कर्मों का दण्ड दिये बिना तो नहीं रहता। पर न करने की चेतावनी इससे पूर्व अनेक बार दे चुका होता है।