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November 1981

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विवेकः संयमां ज्ञानं सत्यं शौचं दया क्षमा। मद्यात प्रलीयते सर्वं तृण्यां वहिन कणादिव॥ -योग शास्त्र

घास का ढेर जिस तरह मात्र आग की चिनगारी से भस्म हो जाता है, उसी प्रकार मनुष्य का विवेक, संयम, ज्ञान, सत्य, शुद्धि, दया, क्षमा आदि सद्गुणों की सम्पत्ति शराब पीने से नष्ट हो जाती है।


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