आतताई शासक की यातनाएँ व विपरीत परिस्थितियाँ मनुष्य को शारीरिक त्रास दे सकती हैं, उसके भौतिक सुख सुविधाओं को प्रतिबन्धित कर सकती हैं, उसकी स्वतन्त्रता को छीन सकती हैं, पर उसके साहस व नैतिक बल को नष्ट नहीं कर सकतीं।
यदि मनुष्य में नैतिक बल व साहस बना रहे तो बड़ी से बड़ी आपदाओं में भी उसे अपना भविष्य सुनहरा ही दिखता है।
- डेल कारनेगी