यूनानी फौजें आगे बढ़ती आ रही थीं। रोम की जनता और यहाँ तक कि सेना भी यूनानी फौजों से घबरा उठी। अधिकाँश व्यक्तियों के मन में यही बात थी कि अब यूनानी सेना हमारे देश पर अधिकार जमा लेगी। रोम के सेनापति सीजर ने लोगों के मन की इस भावना को जाना तो उनका माथा ठनक उठा। उन्होंने सोचा जब अभी से ये ऐसा सोच रहे हैं तो युद्ध में फिर क्या कर पायेंगे?
सीजर ने रात में ही पूरे देश में यह इश्तिहार लगवा दिये- ‘हमने अपना मनोबल खो दिया है इसलिये यूनानी फौजें हमें भयभीत कर रही हैं। कायरता छोड़ो। अपनी शक्ति को पहचानो। वीरतापूर्वक लड़ो। जीत तुम्हारी ही होगी।’
इन पंक्तियों ने हारी-थकी जनता को नया उत्साह दिया। सैनिकों में भी नया उत्साह व्याप्त हो गया। वे पूरी शक्ति से युद्ध क्षेत्र में लड़े और विजयी हुए।