स्वामी विवेकानंद से एक बार एक जापानी ने पूछा— "भारत में गीता, रामायण-वेद उपनिषद् का इतना ऊँचा दर्शन है फिर भी वहाँ के लोग पराधीन और निर्धन क्यों हैं?"
इस पर स्वामीजी ने उत्तर दिया— "बंदूक बहुत अच्छी होते हुए भी यदि कोई उसे चलाना न जाने तो उस सैनिक का श्रेय नहीं मिल सकता। इसी प्रकार भारत का दर्शन तो ऊँचा है पर भारतीय उसे व्यवहार में लाना नहीं जानते।"