सभ्यता और समृद्धि तथाकथित अग्रणी अमेरिका की इस प्रगति के साथ-साथ वहाँ अपराधी मनोवृत्ति भी आँधी-तूफान की तरह बढ़ती चली जा रही है।
सरकारी सूचना के अनुसार उस सभ्य और समृद्ध देश में हर 73 मिनट में एक कत्ल हो जाता है। हर 19 मिनट में बलात्कार की एक घटना घटती है। हर 30 सैकिंड पर एक डाका पड़ जाता है और हर सैकिंड में दो चोरी होती हैं। यह पुलिस में दर्ज रिपोर्टों के आधार पर एक-तिहाई घटनाएँ ऐसी समझी जाती हैं; जिनकी सूचना पुलिस तक पहुँच ही नहीं पाती। वहाँ अपराधों की संख्या इन्हीं पाँच वर्षों में ड्योढ़ी हो गई है। पकड़े गए अपराधियों में 46 प्रतिशत वे हैं जिनकी आयु 13 से 21 वर्ष के बीच है। यह गरीब या अभावग्रस्त नहीं; वरन अधिकांश ऐसे हैं, जिन्होंने अपराधों के क्षेत्र में प्रस्तुत वातावरण से प्रभावित होकर प्रवेश किया।
हत्या-चोरी, व्यभिचार, उद्दंडता का विस्तृत चर्चा करने वाला जासूसी, अय्याशी का कथा साहित्य आज बेहिसाब छप और बिक रहा है। फिल्में ऐसी ही कुरुचि भड़का रही हैं। उसका प्रभाव कच्चे मस्तिष्कों पर बेतरह पड़ता है और वे इन अपराधों के माध्यम से अपनी साहसिकता एवं चतुरता प्रकट करने के लिए इस प्रकार के दुष्कर्म करते हैं।
अपराधियों को पकड़ने और दंड देने के प्रयास तब तक अपर्याप्त और असफल रहेंगे, जब तक उस प्रवृत्ति को भड़काने वाले साहित्यकारों, कलाकारों तथा उत्पादकों को दंडित न किया जाए।
— पियर्सनहाम्फ्रे