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February 1941

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दूसरों की सहायता और सेवा करना बड़ी उत्तम बात है, पर यह तभी हो सकता है, जब तुम स्वयं सच्चे और पवित्र बन जाओ।

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दुनिया के भाग्य को रोक कर नष्ट करने वाले दो ही कारण हैं, पहला अभिमान, दूसरा घृणा। भाग्यवान वह है, जिसका धन उसका गुलाम है, अभागा वह है, जो धन का गुलाम है।


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