निश्चय भाव से सबके साथ प्रेम करो। अपने प्रेम बल से दूसरों से चरित्र को सुधारों। उन्हें ऊँचा उठाओ। तुम्हारे आचरण पवित्र होंगे तो तुम निराशों के हृदय में आशा का संचार कर सकोगे।