केंद्र के समाचार- विश्वव्यापी हलचलें

January 2002

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

स्वदेशी कार्यशाला शाँतिकुँज में

नवंबर की 1,11 तारीखों में शाँतिकुँज परिसर में स्वदेशी जागरण मंच, गोविज्ञान अनुसंधान एवं गायत्री परिवार के राष्ट्रव्यापी तंत्र के चुने हुए कार्यकर्त्ताओं की एक कार्यशाला संपन्न हुई। व्यापक विचार विमर्श के बाद स्वदेशी के साथ आर्थिक स्वावलंबन जोड़ने, जनचेतना जगाने तथा कार्यकर्त्ताओं का परिपूर्ण शिक्षण देने जैसे निष्कर्ष सामने निकलकर आए। इसमें स्वदेशी से जुड़े शीर्ष स्तर के कार्यकर्त्ताओं-संस्थाओं का एक नेटवर्क बनाने का संकल्प भी लिया गया। निश्चित ही इन निष्कर्षों का बड़ा व्यापक प्रभाव पूरे समाज पर पड़ेगा, जहाँ तेजी से आर्थिक गुलामी का शिकंजा कसता चला जा रहा है।

ब्रह्मवादिनी बहनों के नारी जागरण कार्यक्रम संपन्न

एक अक्टूबर को प्रारंभ हुए तीन दलों में चल रहे नारी जागरण प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरे भारत में बड़े विराट् रूप में संपन्न हुए। एक दल आगरा, गुना, भोपाल, इंदौर, मंदसौर, भीलवाड़ा, बाँदा, झाँसी, रीवाँ, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, शाहजहाँ एवँ बुलंदशहर होता अलख जगाता आया। दूसरा दल अलवर, श्रीमार्धोपुर, बीकानेर, जयपुर, राजसमंद, जामनगर, अमरेली, बड़ौदा, भुसावल, खरगोन, नागपुर, बालाघाट, भिलाई, कोरबा, इलाहाबाद, होकर लौटा तथा तीसरा दल बाराबकीं, देवरिया, अयोध्या, बसखारी, बलिया, पटना, बोकारो, धनबाद, कोलकाता, हजारीबाग, राँची, आरा, सुल्लानपुर, बरेली, मुरादाबाद होकर अपने सशक्तीकरण वर्ष में एक महत्त्वपूर्ण सोपान बना है एवं इसके दीर्घकालीन परिणाम क्षेत्र स्तर नारी शक्ति के घर-घर अलख जगाने के रूप में दिखाई देखें।

बाहरी दिल्ली में जनजागरण, प्राणप्रतिष्ठा, भूमिपूजन

दिल्ली देश की राजधानी ही नहीं, एक पूरा राज्य है व ‘इसका नेशलन केपीटल रीजन’ (राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र) बड़े व्यापक क्षेत्र में फैला है। पिछले दिनों झटीकरा ( नजफगढ़) के श्रीनारायण गुरुकुल आश्रम में, जो श्री वेदमाता गायत्री ट्रस्ट के आधीन है, एक विराट् 18 कुंडी यज्ञायोजन तथा माँ गायत्री, दुर्गा सहित राधा-श्रीकृष्ण की मूर्तियों की प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम 27 से 30 नवंबर की तिथियों में संपन्न हुआ। बाहरी दिल्ली व साथ लगे हरियाणा, उ. प्र. के पाँच सौ गांवों का साधन मंथन इस माध्य से हुआ है। लाखों व्यक्ति का समागत रहा। इसके साथ ही 36 नवंबर को नोयडा के सेक्टर 12 में केंद्रीय राजधानी स्तर के एक बहुद्देशीय पाँच मंजिले भवन का भूमिपूजन भी संपन्न हुआ। इसे सारी दिल्ली वाले मिलकर बनाएंगे। मार्गदर्शन शाँतिकुँज का रहेगा। इस केंद्र को गायत्री चेतना केंद्र’ कहा जाएगा।

न्यूजर्सी में केंद्रनिर्माण प्रक्रिया आरंभ

भारत से बाहर एक हमारा अपना केंद्र लेस्टर ( यू . के .) में पहले ही आरंभ हो चुका है। प्रशिक्षण देने हेतु दो भाइयों का दल वहाँ दिसंबर प्रथम सप्ताह में पहुँच गया।अब दूसरा केंद्र अमेरिका के न्यूयार्क से लगे गार्डन स्टेट कहे जाने वाले न्यूजर्सी के फ्रैंकलिन शहर में बनने जा रहा है। भूमि क्रय की जा चुकी। इस सेंटर फॉर गायत्री काँशसनेय (गायत्री चेतना केंद्र) में छह एकड़ भूमि में एक मंदिर, शिक्षण हेतु हाल्ँस, एक विराट् संस्कृति प्रधान प्रदर्शनी तथा एक विशाल ऑडिटोरियम के साथ एक गुरुकुल बनेगा। 11 सितंबर के हमले से उबरने के बाद तुरंत ही पूरा भारतीय समुदाय एकजुट हो इस कार्य हेतु धन जुटाने में लग गया है।

तिरूपति अश्वमेध भूमिपूजन एवं समारोह अंतिम चरण

पूरे आँध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक का व्यापक मंथन कर शाँतिकुँज से भेजा गया आश्वमेधिक कलश तिरूपति पहुँचा व वहाँ 24 नवंबर को भूमिपूजन संपन्न हुआ। वैश्य समाज के विराट् प्राँगण में समयदानी भाइयों द्वारा तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। विस्तृत समाचार चित्र सहित तो फरवरी-मार्च में ही मिल सकेंगे, किंतु अब तक की तैयारी से लगता है कि गंगा, कावेरी, यमुना, कृष्णा का, उत्तर-दक्षिण का यह संगम अनूठा ही होगा।

नागपुर की सूर्य विज्ञान कार्यशाला

विगत दिनों अक्टूबर की 21, 22 तारीखों में नागपुर में एक अपने में निराली सूर्य व विज्ञान पर आधारित कार्यशाला संपन्न हुई । लगातार तीसरे वर्ष वैज्ञानिक अध्यात्मवादपरक कार्यशालाओं को संपन्न कर गायत्री शक्तिपीठ नागपुर ने एक कीर्तिमान बनाया ।अब एक वैज्ञानिक अध्यात्मवाद पर आधारित एक फोरम का गठन किया गया है, जिसमें भारत भर के वैज्ञानिक चिंतन वाले अध्यात्मविद् एवं वैज्ञानिक होगे।

पूर्वांचल (उ. प्र. ) व नेपाल का व्यापक मंथन

नवंबर की 1 से 4 तारीखों में बस्ती , गोरखपुर , महाराजगंज , अयोध्या , फैजाबाद क्षेत्र में उ.प्र. के प्रायः तीस जिलों तथा नेपाल के तराई के पाँच जिलों का व्यापक मंथन संपन्न हुआ। कार्यकर्ता सम्मेलनों में भाग लेने वाले नई दिशा लेकर गए। महाराजगंज जो नेपाल सीमा से जुड़ा है, में शक्तिपीठ पर प्राणप्रतिष्ठा संपन्न हुई।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118