वैभव का धनी (Kahani)

January 2002

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अमेरिका के राष्ट्रपति लिंकन जब विद्यार्थी थे, गरीबी के कारण पढ़ाई-खरच मेहनत-मजदूरी करके निकालते थे। एक दुकान पर उन्हें सेल्समेन का काम मिला। इसी बीच सौदा बेचते समय किसी ग्राहक से भूल में एक रुपया अधिक वसूल हो गया। भूल का पता लगा, तो लिंकन कैशमेमो पर लिखे पते के आधार पर उसी समय पैदल चलकर उसके घर पहुँचे और क्षमा माँगते हुए पैसा लौटाकर बहुत रात गए घर, वापस आए।

उनकी प्रामाणिकता सर्वप्रसिद्ध थी। यही कारण था कि उनके अनेकों सच्चे मित्र थे। वे कहते रहते थे कि संपत्ति के नाम पर तो मेरे पास कुछ नहीं, पर सच्चे मित्रों के रूप में असाधारण वैभव का धनी हूँ।


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