पानी में घुल जाओ (Kahani)

January 2002

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एक धर्म प्रचारक, संघ के अधिष्ठाता से शिकायत कर रहे थे।इतने दिन उपदेश देते लोग न मुझे समझ पाए, न मेरे अनुयायी बने। अब मैं क्या करूं ?”

अधिष्ठाता ने दूसरे दिन के साथ अन्य प्रचारकों को भी बुलाया। दो बरतन पानी में भरकर रखे। सबको दिखाते हुए एक में तेल डाला और दूसरे में नमक तेल ऊपर तैर रहा था और नमक पानी में घुल गया था।

तात्पर्य समझाते हुए अधिष्ठाता ने कहा,कि तेल की तरह जनता के सिर पर छाने की कोशिश मत करो नमक की तरह जन-समुदाय के पानी में घुल जाओ, तो आत्मसात होकर रहोगे।"


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