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Akhand Jyoti
Year 2002
Version 2
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January 2002
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जिसके पास अच्छे विचारों व सत्साहित्य का भंडार है, वह कभी भी निर्धन व एकाकी नहीं रहता।
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Page Titles
नव वर्ष की नवीन संभावनाएँ
अतिमानव को साकार करने का समय आ गया
जिया जाय जीवन का हर क्षण
लक्ष्य का पहचान और उसकी प्राप्ति
अन्याय (Kahani)
सत्यम्, शिवम्, सुन्दरम्
इतिहास के मूल्यवान नग (Kahani)
अंतः का शृंगार है मौन
सार्थकता बिरलों को मिलती है (Kahani)
माँ की कृपा से क्या कुछ संभव नहीं
वापस स्वर्ग चले (Kahani)
होने जा रहा है विज्ञान का कायाकल्प
दोनों धन्य हो गए (kahani)
जीवन सार्थक बनेगा संगीत से
सफल होने का रहस्य (Kahani)
अभिमन्यु एक मिथक नहीं सचाई
Quotation
यह मूल्यविहीन ‘प्रगति’ किस काम की
स्वामी नारायण गुरु (Kahani)
अभिशप्त तापमान ला रहा है जल प्रलय
दैवी अनुदानों के अधिकारी (Kahani)
व्यवहारकुशलता एक पारसमणि के समान
भगवान् आपको रोकते (Kahani)
मिला जीवन का एक सार्थक उद्देश्य
वैभव का धनी (Kahani)
प्रकृति की एक नैसर्गिक धरोहर
सफलता प्राप्त की (Kahani)
क्रोध से तो परहेज ही रखें
पानी में घुल जाओ (Kahani)
विकृत आहार हमें रोगी बनाता है
आदेशों को हृदयंगम (Kahani)
वातव्याधि निवारण की यज्ञोपचार प्रक्रिया - 11
एक आदर्श योगासन : सूर्य नमस्कार
VigyapanSuchana
परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी - कैसे विकसित हो आदर्श परिवार-9
जन्म दिवस विशेष : स्वामी विवेकानंदएक प्रखर योद्धा संन्यासी जो आज भी प्रेरणा का स्रोत है।
युगगीता-29 - हर श्वास में संपादित दिव्य कर्म ही हैं यज्ञ
सुधारने के लिए प्रेरणा (Kahani)
गुरुकथामृत-21 - इन निमित्तों ने ही तो खड़ा किया है यह वटवृक्ष
स्थायी क्या है? (Kahani)
श्रीरामलीलामृत-1 - चेतना की शिखर यात्रा
केंद्र के समाचार- विश्वव्यापी हलचलें
अपनों से अपनी बात-1 - इस संगठन वर्ष में हम सब एक निर्णायक युद्ध लड़ेंगे
अपनों से अपनी बात-2 - गायत्री तीर्थ की सत्र व्यवस्था व अनुशासन
शहीदों के प्रति (Kavita)
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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