भगवान् आपको रोकते (Kahani)

January 2002

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दक्षिणेश्वर मंदिर की निर्माता रानी रासमणि का जामाता मथुर बाबू ने एक विष्णु मंदिर बनाया और प्रतिमा को बहुमूल्य वस्त्र-आभूषणों से सजाया। कुछ ही दिन बीतने न पाए थे कि चोर सारा जेवर चुरा ले गए, मथुर बाबू उलाहना दे रहे थे कि भगवान् आप कैसे हैं, जो अपने परिधानों की रक्षा न कर सके।

रामकृष्ण परमहंस ने उनका समाधान किया कि जो धन लोकसेवा में नहीं लग सका, उसका आभूषण बनना और ईर्ष्या का निमित्त कारण बनना तथा चोरों के घर जा पहुँचना स्वाभाविक है। इस प्रवाह को भगवान् क्यों रोकें? रोकना होता तो चोरों से पहले भगवान् आपको रोकते।


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